NATIONAL NO BRA DAY
आम तौर पर पूर्ण विश्व मे हर प्रकार के दिवस मनाया जाते हैं ,जिसका मक़सद होता है लोगों में जागरूकता निर्माण करना। उसी तरह दुनिया भर में No Bra Day भी मनाया जाता है।इसके पीछे उन लोगो का मानना है कि,स्तन कैंसर के बारे में महिलाओं में जागरूकता निर्माण करना।
No BRA Day का इतिहास क्या है
सन 2011 टोरोंटो की प्लास्टिक सर्जन डॉ मिशेल ब्राऊन द्वारा ब्रा डे की संकल्पना रखी गयी
डॉ मिशेल स्तन कैंसर से उभरनेवाली समस्याओं के बारे महिलाओं को बताना चाहती थी।
उसके बाद सोशल मीडिया में किसी गुमनाम व्यक्ति द्वारा इसकी शुरुआत की गई ।
13 ऑक्टोम्बर यह एक सोशल मीडिया अभियान है जो कि महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक करना।
कही महिलाओं ने सालो पहले No BRA DAY भाग लेने के लिये हैश टैग # NoBra day का उपयोग किया जिनमें उन्होंने अपनी इस बीमारी के बारे में अपने अनुभव शेयर किए उनका कहना था कि कोई भी महिला अपनी बीमारी के बारे अनजान न रहे शरमाये नही।
अब भारत जैसे संस्कृति प्रधान देश में यह दिन मनाना आसान काम नही है,जब यह शब्द ही हमारे लिये वर्जित माना जायेगा।और तो ओर सामाजिक टीका टिप्पणियों के भी विरोध झेलना पड़ सकता है।
वास्तिवक रूप में इनका उद्देश्य है स्तन कैंसर के बारे लोगों में ओर खासकर महिलाओं में अपनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना ये हैं।
लेकिन हमारी जो महिलाओं के बारे जो मानसिकता बनी हुईं है वह हमें किस ओर आकर्षित करेगी ये हम जानते है।
इस दिन का मकसद स्तन कैंसर केवल महिलाओं को जोड़कर नही देखना चाहिए बल्कि उनकी सेहत को जोड़कर देखना जरूरी है
कहा जाता है कि,स्तन कैंसर का प्रमाण महिलाओं में 14 प्रतिशत पाया जाता है यह ग्रामीण और शहरों मे तेजी से बढ़ रहा है। 2018 कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत मे 16248 पंजीकरण मामलों में से 870900 मौतें दर्ज की गई ( संदर्भ : cytecare,cancer hospita )
कुछ लोगो का यह भी कहना है इस तरह के सामाजिक उपक्रम निश्चित रूप से बातचीत शुरू करने की पहल हो सकती हैं पर हमें इससे भी आगे जाकर कुछ करना पड़ेगा।
हमारे समाज मे ऐसी बातों की ओर ज़्यादा ध्यान नही दिया जाता ।ब्रा पहनना या न पहनना यह कुछ लोगो की पसंद हो सकती लेकिन इसका सही उद्देश्य पूरा होना चाहिए। इन बीमारियों के बारे में गम्भीरता से सोचना होगा।
इस अवसर पर स्तन कैंसर केअर को चैरिटी कर सकते हर महिला अपनी जाँच करें कम से कम दो साल पहले इसका पता लगाना जरूरी है।
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